Life's Extras and Ordinary
शनिवार, 30 अक्टूबर 2010
दिल
दिल का
एक छोटा सा हिस्सा
रोशन धूप से
भीगा जल से
पसीजा ओस से
सहेजा स्नेह से
पगा भावों से
मचला इच्छाओं से
बहका आमद से
और
फिर डूब गया
पूरा का पूरा
प्यार से.........
1 टिप्पणी:
राजेश उत्साही
ने कहा…
नई दृष्टि।
31 अक्टूबर 2010 को 11:51 pm बजे
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नई दृष्टि।
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