Life's Extras and Ordinary
सोमवार, 4 अक्टूबर 2010
खैरियत
पल का सौंवा हिस्सा गुज़रा
और
दिल धड़का
पलकें मुंदी
सिहरन हुई
कदम उठे
हाथ बढे
उस पल की
सलामती को
तेज़ हवा से बचाने.....
1 टिप्पणी:
Prashant ने कहा…
और और और ...
मदद को तैयार.
5 अक्टूबर 2010 को 10:40 am बजे
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