वाह !!!!!!
schmuch.....
बहुत खूब। यह प्रेम ही तो है जो हमेशा सिरहाने खड़ा रहता है, हमारी हर सांस पर पहरा देते हुए...जैसे सांसों की आवाज भी चुरा सकता है जमाना। बस जैसे कि हमसे गपियाता है किसी पुराने दोस्त सा...अच्छे शब्दों का चयन..;बेहतर प्रस्तुति। बधाई।
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3 टिप्पणियां:
वाह !!!!!!
schmuch.....
बहुत खूब। यह प्रेम ही तो है जो हमेशा सिरहाने खड़ा रहता है, हमारी हर सांस पर पहरा देते हुए...जैसे सांसों की आवाज भी चुरा सकता है जमाना। बस जैसे कि हमसे गपियाता है किसी पुराने दोस्त सा...अच्छे शब्दों का चयन..;बेहतर प्रस्तुति। बधाई।
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