उसने
हवाओं से पूछा....
बादलों से पूछा....
पेडों से पूछा....
मिट्टी से पूछा....
पानी से पूछा.....
क्या
बादलों से पूछा....
पेडों से पूछा....
मिट्टी से पूछा....
पानी से पूछा.....
क्या
उसने आज प्रेम किया?
तो
तो
कलियों ने
धीमे से, फ़ुसफ़ुसाकर कहा--
नहीं
धीमे से, फ़ुसफ़ुसाकर कहा--
नहीं
आज सब मेरे साथ थे
पर
वो
पर
वो
कहीं
कविताओं में खोया था...........
कविताओं में खोया था...........
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