Life's Extras and Ordinary
बुधवार, 20 अक्तूबर 2010
'उसे' हटाने की तरकीब
हमसे बढ़कर है
वो
नाटककार.....
हर बार
कोशिश रहती है
कि
हम
पहचाने न जाएँ
पर मुखौटों में
हर बार वो
हमें
दबोच लेता है
यही सोच
इस बार
नाटक नहीं
सच में
अपने रूप में
उसे
दबोच
परास्त करना है हमें............
1 टिप्पणी:
प्रशान्त
ने कहा…
सफ़लता की शुभकामनाएं..
20 अक्तूबर 2010 को 5:00 am बजे
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सफ़लता की शुभकामनाएं..
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